सुक्ष्मजीवी जगत का उपहार बना फोल्डस्कोप: दो डॉलर से कम लागत, जेब में फिट होने वाला मोबाईल से दस गुना हल्का माइक्रोस्कोप निदान सर्वजन वेलफेयर सोसायटी, शेफवेल द्वारा महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स कॉलेज, भोपाल में फोल्डस्कोप माईक्रोस्कोप पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस आयोजन में निदान संस्थान एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से पधारी डॉ. अनीता तिलवारी एवं डॉ. पारुल गुर्जर, इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं । फोल्डस्कोप- एक अल्ट्रा किफायती पेपर माईक्रोस्कोप है जो ओरिगामी से प्रेरित है। यह एक पोर्टेबल, मजबूत ओर बहुमुखी माईक्रोस्कोप है जो कागज (जलरोधक कागज) से बना है जो सूक्ष्म दुनिया के चमत्कारों को बढ़ाता है एक पारंपरिक अनुसंधान माईक्रोस्कोप महंगा और भारी है, जबकि फोल्डस्कोप बहुत आसान और लागतप्रभावी है। इस कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. ऋतू बैस ठाकुर द्वारा एम. एल. बी. कॉलेज के बोटनी विभाग में की गयी जिसमे उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई. साथ ही बोटनी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सुमन त्रिवेदी ने छात्राओं को फोल्डस्कोप की उपयोगिता से अवगत कराया. डॉ. अनीता तिलवारी ने फोल्डस्कोप का विवरण देते हुए छात्राओं को इसके बारे में विस्तृत रूप से समझाया एवं फोल्डस्कोप की समस्त जानकारी प्रदान करते हुए सुक्ष्मजीवों को फोल्डस्कोप की सहायता से छात्राओं को दिखाया. डॉ. पारुल गुर्जर द्वारा छात्राओं से फोल्डस्कोप पर संवाद किया गया एवं प्रायोगिक सत्र में सूक्ष्मजीव जैसे - कंकाल मांसपेषियों, एस्परजिलस कवक, अनावेना, नोस्टोक, अल्टरनेरिया, कॉन्डिडिया, पेनिसिलियम एवं फर्नराइजोम को देखा एवं समझाया गया। इस कार्यक्रम में विभाग में कार्यरत डॉ. भारती खरे, डॉ. मुक्ता श्रीवास्तव, डॉ. स्वाति खरे, डॉ. प्रियंका दुबे, डॉ. वर्षा वेराले एवं डॉ. पल्लवी देवगडे भी उपस्थित रहीं. फोल्डस्कोप एक भारतीय वैज्ञानिक द्वारा एक अद्वितीय आविष्कार है। डॉ मनू प्रकाश स्टैनफोर्ड विष्वविद्यालय के प्रोफेसर ने जिज्ञासा, खोज और विज्ञान हर किसी के लिए एवं ‘‘ हर बच्चे के लिए माईक्रोस्कोप प्रदान करने और कम उम्र में विज्ञान में गहरी दिलचस्पी बढ़ानें के लिए विकसित किया। फोल्डस्कोप विज्ञान प्रयोगषालाओं से बाहर और दुनियाभर के हाथों में माईक्रोस्कोपी लाने के लिये डिजाइन किया गया हैं फोल्डस्कोप एक वास्तविक माईक्रोस्कोप है इसकी मैग्नीफिकेषन और रिसोल्युषन शक्ति 140X से अधिक है जो इमेजिंग के लिए पर्याप्त है। इसके द्वारा सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, लाइव व्यक्तिगत कोषिका, पशु कोशिका और सेल्युलर ऑर्गेनिल्स, भ्रूण और बहुत कुछ देख सकते है। चूकि फोल्डस्कोप बहुत सस्ता है और इसका प्रयोग कहीं भी किया जा सकता है। यह विज्ञान को हमारे दैनिक जीवन से जोड़ता है। इसका मतलब है कि इससे हम गंदे हाथों पर सूक्ष्म जीवाणु भी देख सकते है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में भारत सरकार के जैवप्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और प्रकाश लैब (स्टैनफोर्ड विष्वविद्यालय), संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच इरादे के वक्तंव्य पर हस्ताक्षर करने के बाद फोल्डस्कोप को भारत लाया गया है। स्टैनफोड बायोइंजीनियर डॉ मनू प्रकाश का विज़न था कि जिस तरह हर एक बच्चे की जेब में पेंसिल होती है उसी तरह दुनिया में हर बच्चे की अपनी जेब में एक फोल्डस्कोप हो। फोल्डस्कोप में दिखाए गए सूक्ष्मजीवों को मोबाइल फ़ोन के साथ जोड़ कर चित्र भी खीचा जा सकता है जिस जानकर कार्यशाला में उपस्थित सभी छात्राओं में सूक्ष्मजीवों का चित्र लेने की उत्सुकता भी जागी. आज की इस कार्यशाला में छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया एवं फोल्डस्कोप को उपयोग करने की इक्छा बतलाई.
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